दोस्तो, मेरा नाम सौरभ है. मैं दिल्ली का रहने वाला हूँ. मेरी उम्र 26 साल है अभी 2 साल पहले ही मेरी शादी हुई है. मेरे लंड का साइज 7 इंच है ये मोटा और गोरा है.
आप मेरी जीजा साली सेक्सी कहानी का मजा लीजिये.
मैं और मेरी वाइफ एक फ्लैट में रहते हैं. मेरी बीवी दीक्षा एकदम कमाल की है, उसकी चूत से मेरा लंड बहुत खुश है. लेकिन मेरे लंड को हर महीने एक नए छेद को चोदने का मन करता है, तो मैं कभी कभी होटल में किसी कॉलगर्ल को चोद लेता हूं. पर अब मेरी किस्मत खुलने वाली थी.
लगातार चुदाई के कारण मेरी वाइफ प्रेग्नेंट हो गई थी, तो अब मेरे लंड का काम नहीं चल रहा था. हम दोनों सेक्स के मज़े नहीं ले पा रहे थे.
चूंकि गर्भावस्था में भी मेरी बीवी को घर का काम करना पड़ता था, जिससे वो काफी थक जाती थी.
एक दिन उसने मुझसे कहा- क्यों न मैं अपनी बहन समीक्षा को बुला लूं, वो मेरी बहुत हेल्प करेगी.
मैंने कहा- उसे इधर दिक्कत नहीं होगी?
तो बीवी ने कहा- अरे कुछ दिक्कत नहीं होगी, फिर कुछ ही महीनों की तो बात है.
मैं अपने अन्दर की ख़ुशी को छिपाते हुए उससे हां कह दिया.
समीक्षा मेरी साली है, वो अभी कॉलेज में पढ़ती है. समीक्षा देखने में मस्त माल लगती है. उसके दूध बड़े बड़े और एकदम तने हुए हैं … मस्त फिगर है.
उसके एग्जाम हो चुके थे, तो मैंने अपनी ससुराल में फोन पर बात की और जाकर उसको अपने घर ले आया.
दोस्तो, जब मैं अपनी साली को लेने गया, तभी मैंने सोच लिया था कि अब दीक्षा की चूत की कमी मेरी ये साली पूरी करेगी.
समीक्षा मेरे साथ मेरे घर आ गई थी.
दो दिन बाद मैंने दीक्षा से कहा कि यार अब मुझसे रहा नहीं जा रहा है … बहुत दिनों से मैंने तुम्हें चोदा नहीं है. मेरे लंड का हाल बेहाल है.
तो वो कहने लगी- तुमने ही तो मेरा ये हाल कर दिया है, बताओ अब मैं क्या करूं. एक काम करो तुम हाथ से काम चला लो. तुम तो जानते ही हो कि अभी हम दोनों सेक्स नहीं कर सकते हैं. हमारे होने वाले बच्चे का सवाल है.
मैंने कहा- यार तुम्हारी बहन मेरी आधी घरवाली है, क्यों न तुम मुझे उसका स्वाद चख लेने दो.
दीक्षा ने मना कर दिया. वो कहने लगी- नहीं, तुम मेरी फूल सी बहन को हैवानों की तरह चोदोगे, मैं तुम्हें ऐसा कभी नहीं करने दूंगी. मुझे तो तुम्हारा लंड लेने की आदत है, मगर वो तुम्हारा लंड सहन ही नहीं कर पाएगी.
मगर मैंने किसी तरह से अपनी बीवी दीक्षा को मना लिया.
समीक्षा अपने कमरे में सोती थी, हम लोग अलग अपने कमरे में सोते थे. समीक्षा मुझसे बहुत मजाक करती थी. मैं भी उससे मजाक करता रहता था.
एक दिन मैं ऑफिस से आकर सोफे पर बैठा ही था कि समीक्षा बोली- जीजू मैं आपके लिए चाय ले कर आऊं!
मैंने उससे कहा- नहीं, मैं आज दूध पियूंगा, तुम मुझे दूध पिला दो.
उसने मुझे देखा और हल्की सी स्माइल देकर कहने लगी- अच्छा आपको दूध पीने का मन है, रुको मैं अभी लाती हूँ.
उसकी वो स्माइल मुझे अच्छी लगी. इससे मेरी हिम्मत और बढ़ गई.
वो एक गिलास में दूध लेकर आई और झुक कर मुझे गिलास पकड़ा दिया.
उसके टॉप में से झांकते मम्मों को देख कर मेरा लंड खड़ा हो गया. मैंने उसकी दूध घाटी देखते हुए गिलास ले लिया और पूछा- गर्म है न!
वो इठला कर बोली- आप होंठ तो लगाओ, एकदम गर्म दूध है.
मैंने गिलास लेकर उसे आंख मार दी और दूध पीने लगा.
वो मेरे दूध पीने तक मेरे सामने ही बैठी रही. मैं भी दूध पीते हुए अपने होंठों पर जीभ फेर कर उसे देखते हुए बोला- हां बहुत गर्म दूध है, मजा आ गया.
वो हंस दी.
फिर शाम को समीक्षा अपने ब्वॉयफ्रेंड से चैट कर रही थी. मैंने उसका मोबाइल ले लिया और उन दोनों के बीच हुई चैट को पढ़ने लगा. मैंने देखा कि उसने अपने ब्वॉयफ्रेंड से एडल्ट बातें लिखी थीं.
मैंने उससे कहा- क्यों साली जी, ये सब क्या है?
वो शर्माने लगी.
मैंने देखा तो उसमें उसकी कुछ नंगी फोटो भी पड़ी थीं.
मैंने कहा- वाह बड़ी हॉट हो, कभी मुझे भी तो इनका स्वाद चखने दो.
वो उठ कर मोबाइल छुड़ा कर भाग गई.
अब वो मुझसे नजर नहीं मिला रही थी.
रात को जब वो खाना लगा रही थी, तो मैं उसके करीब हुआ और मजाक में उसके मम्मों पर हाथ फेर दिया.
उसने कुछ नहीं कहा. बस एक बार मुझे देखा और मुस्कुरा दी.
वो बोली- दीदी को बता दूं?
मैंने कहा- तुम क्या बताओगी जानेमन, मैं ही बता देता हूँ.
इससे वो हैरान हो गई और मैं और बिंदास हो गया.
मैंने ये बात अपनी बीवी दीक्षा को बताया, तो वो मुझे धौल जमाते हुए बोली- तुम नहीं सुधरोगे.
मैंने अपनी बीवी से कहा कि आज रात में मैं समीक्षा को चोदूंगा.
वो कहने लगी- कैसे?
मैंने कहा- आज वो हमारे साथ सोएगी. तुम बस सोती रहना, जागना मत. यदि जाग भी जाओ, तो भी उठना मत. यदि समीक्षा तुमको जगाए, तो भी मत जागना.
उसने कहा- ठीक है.
फिर खाना खाने के बाद हम लोगों ने एक हॉरर मूवी देखी. समीक्षा को उस मूवी से बहुत डर लग रहा था.
वो डरने लगी और मूवी बंद करने के लिए कहने लगी. मगर मैंने न तो मूवी बंद की और न ही उसे जाने दिया.
मैंने यह प्लान जानबूझ कर बनाया था.
उसने दीदी से कहा- दीदी मुझे डर लग रहा है, आप जीजू को बोलो न! मुझे रात को उस कमरे में नींद ही नहीं आएगी.
ये सुनकर दीक्षा कुछ नहीं बोली, बस मुस्कुराती रही.
मैंने कहा- कोई बात नहीं है समीक्षा. तुम यहीं सो जाना. हम बगल में होकर सो जाएंगे.
मगर वो पहले अपने रूम में चली गई.
उसके दिमाग में हॉरर मूवी ही घुसी थी और उसे डर लग रहा था.
करीब 11 बजे वो हमारे रूम के बाहर खड़ी होने दरवाजा खटखटाने लगी.
मैं बाहर आया और पूछा- क्या हुआ?
उसने कहा- जीजू मुझे डर लग रहा है, नींद नहीं आ रही है.
मैंने कहा- मैंने तो पहले ही कहा था कि मेरे कमरे में ही सो जाना.
उसने कहा- तो मैं आपके बेड पर आप दोनों के साथ सो सकती हूं?
इस पर दीक्षा ने कहा- हां समीक्षा ठीक है, तुम यहीं सो जाओ.
दीक्षा मुझे देख कर मुस्कुराने लगी.
मैं समीक्षा को अन्दर आने का कह कर बेड पर लेट गया. फिर समीक्षा हम दोनों के बीच में आकर लेट गई.
अब हम तीनों अलग अलग चादर में थे.
करीब आधे घंटे बाद उसने दीक्षा को आवाज देते हुए कहा- दीदी सुनो.
मगर दीक्षा सो चुकी थी, तो उसने जवाब नहीं दिया.
मैंने कहा- क्या हुआ, बोलो … वो सो चुकी है, बेचारी परेशान हो जाती है थक जाती है इसलिए उसे सोने दो. दीक्षा को जगाना मत, नहीं तो फिर उसकी नींद नहीं लगती है.
समीक्षा ने कहा- ठीक है जीजू. आप मुझसे कुछ देर बात करो न .. मुझे डर लग रहा है.
मैंने उससे बात करते हुए कहा- तुम्हारी दीदी को एक लड़का चाहिए. मैं भी चाहता हूँ कि उसको लड़का ही हो.
समीक्षा ने कहा- जीजू आपने कभी बताया ही नहीं कि आप लोगों ने बच्चा कब प्लान कर लिया.
मैंने कहा- ये काम बता कर थोड़ी किया जाता है, ये तो हो जाता है.
वो हंसने लगी.
मैंने कहा- तेरी दीदी को बेबी बहुत पसंद है.
उसने मुझसे कहा कि हां अब मुझे भी दीदी से एक छोटा सा बेबी चाहिए.
मैं कहा- हम दोनों ने …
इतना बोल कर मैं चुप हो गया.
समीक्षा बोली कि आप दोनों ने क्या … पूरी बात बोलिए न.
फिर मैंने कहा- रहने दो, तुमसे ये सब कहना अच्छा नहीं लगेगा.
उसने कहा- जीजू, मैं आपकी आधी घर वाली हूँ … और आप मुझसे ये सब क्यों छुपा रहे हो. प्लीज़ बताओ न.
मैंने कहा- ओके तो सुनो, अभी शायद तुम्हें पता नहीं है. हम दोनों ने प्लान किया था .. और सही टाइम पर मैंने उसके साथ सेक्स करके उसको प्रेग्नेंट कर दिया.
समीक्षा मेरे सेक्स करने की बात को सुनकर कुछ मूड में आने लगी. वो कुछ कहना चाहती थी. मगर फिर चुप हो गई.
मैं और उकसाते हुए कहा कि अब देखो क्या हाल हो गया है. इसका पेट कितना ज्यादा फूल गया है. फसल लहलहाने लगी है.
वो बोली- तो क्या हुआ, फसल तो लहलहाएगी ही … आप इतने परेशान क्यों हो रहे हो.
मैंने ठंडी आह भरते हुए कहा- तुम मेरी परेशानी नहीं समझोगी. बहुत दिन हो गए .. हम दोनों वो सब कर ही नहीं पा रहे हैं.
उसने समझते हुए कहा- अच्छा जी ऐसा है. अब आप दोनों ने ये सब किया है, तो आप ही भुगतो … और अब सो जाओ जीजू.
वो मुझसे गुड नाईट कह कर सोने लगी.
मैंने भी कहा- हां ठीक है, सो जाओ. मेरा दर्द तुम कैसे समझोगी!
वो हंस कर आंख बंद करके सोने लगी.
मैंने सोचा कि आज की रात मौका अच्छा है, जैसा मैंने सोचा था, वैसा हो जाएगा.
दस मिनट बाद मैंने समीक्षा की तरफ करवट ले ली और उसके ऊपर हाथ रख दिया. वो सो चुकी थी, तो उसको कोई अहसास नहीं था.
मैंने थोड़ी हिम्मत करके आराम आराम से उसके मम्मों पर हाथ फेरना शुरू कर दिया. दोस्तो वो जाग चुकी थी, लेकिन उसने मेरा विरोध नहीं किया.
मैं सोच में पड़ गया कि समीक्षा शायद सो रही है मगर जानबूझ कर कुछ कह नहीं रही है. चूंकि मेरी बीवी की तरफ से मुझे दिक्कत होने वाली नहीं थी, तो अब मेरी हिम्मत बढ़ गई. मैंने उसके मम्मों को दबाना चालू कर दिया.
वो एकदम से उठ गई और उसने मेरा हाथ अलग कर दिया और कहने लगी- जीजा जी, आप ये क्या कर रहे हो?
मैंने उससे धीमे से कहा कि चुप रहो नहीं तो तेरी व्हाट्सएप वाली बात तेरी दीदी को अभी बता दूंगा.
वो डर कर कहने लगी- नहीं, जीजू उनको मत बताना.
मैंने कहा- ठीक है, तो मैं जो कर रहा हूँ, मुझे करने दो और मजा लो. तुमको भी तो यही सब चाहिए था. समझो कि मैं तेरा जीजू नहीं ब्वॉयफ्रेंड हूँ. बस तू शांत लेटी रह.
बस फिर क्या था, वो चुप रही और उसने मुझे रोकना बंद कर दिया.
मैंने उसके कपड़े उतारने शुरू कर दिए. कमरे की लाइट तो पहले से ही ऑफ थी. नाईट बल्व में इतना उजाला नहीं था कि ने उसके नंगे बदन मैं निहार सकता.
कुछ ही देर में वो पूरी नंगी लेटी थी. मैंने उसको किस करना शुरू कर दिया और उसके मम्मों को सहलाने लगा.
थोड़ी देर बाद मैंने भी अपने पूरे कपड़े उतारे और अपनी साली समीक्षा की चूत पर अपने मुँह को रख दिया. उसकी चुत पानी छोड़ रही थी.
मैंने उसकी चुत चाटी और उससे कहा- साली साहिबा आपकी फुनिया तो कितनी बह रही है.
वो मेरा सर अपनी चुत पर दबाते हुए बोली- पहले तो गर्म कर दिया. अब कह रहे हो बह रही है.
मैंने कहा- चलो अब मेरा भी चूस दो तो तुम्हारी नदी को मैं साफ़ कर दूं.
ये कह कर मैं 69 में हो गया और अपने लंड को उसके मुँह पर रख दिया.
पहले वो मेरे लंड को चूसने के लिए राजी नहीं हो रही थी. मगर मैंने जबरदस्ती उसके मुँह में लंड डाल दिया. उसको मेरे लंड को अपने मुँह में लेना ही पड़ा. हम दोनों इस पोजीशन में एक दूसरे के लंड चुत को चूसने लगे थे.
मैंने मस्ती से उसकी चूत चूसनी शुरू की. वो भी मजे ले लेकर मेरे लंड को चूसने लगी. मैं उसकी चूत पर अपनी पूरी जीभ को ऊपर से नीचे तक घुमा रहा था.
कुछ समय बाद हम दोनों ऐसी ही पोजीशन में झड़ गए.
वो एकदम से हांफने लगी थी. मैं भी मजे में था. फिर हम दोनों सीधे लेट गए. वो ढीली हो चुकी थी, लेकिन मैंने उसको गर्म किए रखा और उसको किस करता रहा.
थोड़ी देर में मेरा लंड कड़ा हो गया और मैंने उससे कहा कि तू अब जल्दी से अपनी दीदी की कमी पूरी कर दे बस.
वो बोली- तो अब तक क्या कर रही थी?
मैंने कहा- वो तो ठीक है, मगर बिना चुदाई के मजा कहां आता है.
वो बोली- तो वो शौक भी पूरा कर लीजिए जीजू, मैं किधर रोक रही हूँ.
ये सुनकर मैंने उसको दूसरी साइड आने का कहा और करवट लेकर लेटने को कहा.कमरे में बेड पर एक तरफ मेरी बीवी दीक्षा सो रही थी. दूसरी तरफ मैंने अपनी साली समीक्षा को लिटाया हुआ था.
समीक्षा कहने लगी- यदि बीच में दीदी जाग गईं, तो क्या होगा जीजू?
मैंने कहा- तू उसकी चिंता मत कर, मैं सब देख लूंगा.
वो चुदने के लिए रेडी हो गई.
मैंने उसकी चूत पर अपना सांप की तरह फुंफकार मारता लंड रखा और अपनी साली की चुत की फांकों रगड़ने लगा.
वो पूरी गर्म हो चुकी थी. वो भी कहने लगी- आह जीजू क्यों तड़फा रहे हो, अब जल्दी से अन्दर डाल दो.
कमरे में अंधेरा था, तो मैंने चुत पर लंड रगड़ते हुए उसकी एक टांग ऊपर को उठाई और लंड के सुपारे को चूत की दरार में रखकर धक्का दिया. मगर मेरा लंड अन्दर नहीं गया.
फिर मैंने कहा- समीक्षा यदि दर्द हो तो मुझे बता देना, लेकिन चिल्लाना मत … नहीं तो तेरी दीदी जाग जाएगी.
वो बोली- हां मुझे मालूम है कि चीखना नहीं है. मगर अब देर क्यों कर रहे हो. आप जल्दी से पेलो न!
मैंने कहा कि ओके, तू अपने हाथ से अपने छेद पर लंड को फिट कर.
उसने अपने हाथ से लंड पकड़ा और चुत पर रख कर उसपर हाथ लगाए रही.
मैं जानता था कि लंड घुसेगा, तो ये साली जरूर चिल्ला देगी.
मैंने उसके मुँह को अपनी तरफ करके उसके होंठों पर होंठ रखते हुए उसे किस करने लगा ताकि वो चिल्ला न सके.
वो मस्त हुई, तो मैंने एक जोर से झटका दे दिया. उसकी चूत में मेरा लंड सरसराते हुए अन्दर चला गया. जैसे ही लंड अन्दर गया, उसने होंठ दूर करके चिल्ला दिया और रोने लगी. उसके आंसू बहने लगे.
रोने की वजह से से दीक्षा भी जाग गई थी, लेकिन वो सब मामला समझ रही थी इसलिए उठी ही नहीं और सोने का नाटक करती रही. मैं लंड घुसेड़ कर रुक गया.
दो पल बाद मैंने उसके मुँह पर हाथ रखते हुए फिर से लंड को धक्का दे दिया. वो छटपटाने लगी.
दीक्षा ने मेरे हाथ को पकड़ कर इशारा किया कि थोड़ा रुक जाओ … और आराम आराम से करो.
मैंने अब आराम आराम से लंड को अन्दर बाहर किया. कुछ देर की पीढ़ा के बाद समीक्षा का दर्द कम हो गया था. वो अब अपनी गांड हिलाते हुए मजेदार मूड में मेरा साथ देने लगी थी.
मैं उसकी मस्ती देख कर उसको धकापेल चोदने लगा.
फिर मैंने उसको बेड के नीचे खींचा और मैं नीचे बैठ गया. फिर अपनी साली मैंने समीक्षा को अपने ऊपर बिठा लिया.
वो मेरे लंड की सवारी करने की पोजीशन में आ गई थी. मैंने फिर से उसकी चूत में अपना लंड डाला और गांड उठाते हुए चुत में लंड के धक्के देने शुरू कर दिए.
समीक्षा के मुँह से अब मस्ती से ‘अअअह ऊऊह मम्मीईई … मैं मर गई मम्मीईई … अअअह जीजू मजा रहा है. आह .. चोदो … जीजू अअअह.
उसकी कामुक आवाजें मेरा जोश बढ़ा रही थीं.
मैंने उससे कहा- जान धीरे बोलो, तेरी दीदी जाग सकती है, ज्यादा चिल्लाओ मत.
उसने कहा- जीजू मैं कोशिश तो कर रही हूं. लेकिन मेरी चीख निकल ही रही है, मुझे मज़ा भी आ रहा और दर्द भी हो रहा है.
मैंने उसे ज्ञान देना बंद किया और उसके दूध पकड़ कर चुत चुदाई की स्पीड एकदम से दुरंतो मेल के जैसे बढ़ा दी.
ताबड़तोड़ चुदाई होने लगी थी.
छह सात मिनट में ही वो झड़ने वाली हो गई थी. वो अपने चरम पर आई तो और तेज तेज गांड उछालने लगी. उसकी मादक आवाजें आने लगीं- आह जीजू अअअअ उईईई … और तेज पेलो अअ अअअ उईईई और तेज.
मैं समझ गया कि इसकी चुत जाने वाली है. मैंने भी अपनी रफ्तार बढ़ा दी.
वो एकदम से शिथिल होने लगी और मुझसे लिपट गई. समीक्षा ने मेरे लौड़े पर ही अपनी चुत का पानी छोड़ दिया था.
मैं अभी भी गर्म था. मेरा लंड उसकी चूत के अन्दर अपनी रफ्तार में चोदने में लगा हुआ था. उसका पानी बह कर मेरे टट्टों पर आ गया था, लेकिन मैं अब रुकने वाला नहीं था.
उसने मुझे और कसके पकड़ लिया और मेरे बालों को खींचने लगी.
कुछ ही पलों बाद समीक्षा ढीली पड़ चुकी थी.
मैंने सोचा कि अभी रुक जाता हूँ. अभी इसको मज़ा नहीं आ रहा होगा. बेचारी थक चुकी है.
मैं लंड निकाल कर उठा और मैंने कपड़े से अपना लंड साफ किया. उसने भी अपनी चूत साफ की.
कुछ समय रुकने के बाद मैंने अपने लंड को उसके हाथों में दे दिया. मेरा लंड उसने अपने हाथों से सहला कर एकदम कड़क कर दिया.
मैंने कहा- साली जी, अब आपकी असली चुदाई होनी बाकी है, तैयार हो जाओ.
वो कहने लगी- जीजू अब रहने दो, आप बहुत तो कर चुके हो.
मैंने कहा- अरे साली जी, अभी आपको मैंने सही ढंग से चोदा ही कहां है. अब अच्छे से चोदूंगा, तभी तो मेरा लंड झड़ेगा.
वो कुछ नहीं बोली.
मैंने उसको फिर बेड पर डॉगी स्टाइल में किया और अपने लंड पर थोड़ा सा थूक लगा कर उसकी चूत में लंड को डालना शुरू किया.
थोड़ी देर बाद उसको भी मज़ा आने लगा. उसने मुझे भड़काते हुए कहा- जीजू, अब तो आप धकापेल चोद लो … आपमें जितना दम है, चोदो. अब मुझे दर्द नहीं हो रहा है.
मैंने कहा- साली जी, सच बताओ मैं तुम्हें अपने तरीके से चोद लूं!
वो कहने लगी- जीजू आपको जैसा करना कर लो, मुझे भी मजा आ रहा है.
मैंने कहा- सोच लो रानी, तेरी चूत फट जाएगी!
उसने कहा- फट जाने दो, चूत ही है तो कल सुबह वैसी की वैसी ही हो जाएगी. आप चोदो, बाते न बनाओ.
मैंने दीक्षा को जगाने लगा, तो समीक्षा कहने लगी- नहीं, दीदी को मत बताओ.
मैंने कहा- तू चिंता मत कर, मैं हूँ न!
मैंने दीक्षा को हिलाया और उठने का कहा. उसने मुझे और समीक्षा को नंगा देखा.
समीक्षा कहने लगी- दीदी सॉरी, जीजू ने जबरदस्ती आपकी कसम दे कर ये सब किया है.
तभी दीक्षा ने कहा- कोई बात नहीं समीक्षा .. तेरे जीजू ही तो हैं. मैंने ही उनसे ये सब करने को कहा था. तुम मेरी कमी पूरी कर दो. कुछ दिनों की ही तो बात है.
पहले तो समीक्षा शायद सोच रही थी कि उसे रोज रोज चुदना पड़ेगा … उसका क्या होगा. लेकिन जब दीदी ने कुछ नहीं कहा, तो उसकी हिम्मत बढ़ गई थी.
मैंने दीक्षा से कहा कि जो मैंने सेक्स टाइम बढ़ाने की और लंड कड़क करने की दवाइयां उसको दी थीं, तुम वो लेकर आओ.
तो दीक्षा कहने लगी- वो सब रहने दो. इसके साथ वो सब नहीं करो.
मैंने कहा- ले आओ यार.
फिर दीक्षा ने उसने मुझे दवाई दे दी.
मैंने एक टेबलेट खाई और एक पेनकिलर टेबलेट समीक्षा को खिला दी.
मैंने दीक्षा से कहा- अब तुम सो जाओ.
दीक्षा बोली- कुछ देर देख लेने दो, फिर सो जाऊंगी.
मैंने समीक्षा से कहा- साली जी, अब चुत फड़वाने के लिए तैयार हो जाओ.
उसने कहा- जीजू, मैं तैयार ही हूँ.
मैंने उसको डॉगी की तरह किया और पीछे से अपने लंड को उसकी चूत के मुँह पर रख दिया. गोली खा लेने से अब मेरा लंड कड़क हो गया था और थोड़ा फूल चुका था.
मैंने उसके मुँह पर हाथ रखते हुए उसको एक धक्का दिया. मेरा पूरा लंड अन्दर उसकी चुत की दीवारों को फाड़ते हुए उसकी बच्चेदानी तक पहुंच गया.
उसके मुँह से चीख निकल गई ‘आह मर गई दीदी बचाओ मुझे …’
दीक्षा ने मेरा हाथ पकड़ा तो मैंने आराम आराम से लंड को अन्दर बाहर करना शुरू कर दिया.
कुछ देर बाद मेरी साली का दर्द कम हो गया और वो भी मजे लेकर चुदने लगी. मैंने अपनी स्पीड तेज करते हुए उसको चोदना शुरू कर दिया.
वो ‘बस अअअअ उईईई जीजू … ज्यादा तेज नहीं .. ओ मम्मीईई मैं मर जाऊंगी. आह दीदी अह रोको न .. ओईई आराम से करो जीजू .. अअअअ.’ की मस्त कामुक आवाजें निकाल रही थी.
मैं भी कहां रुकने वाला था. मैं अपने दोनों हाथों में उसके दूध पकड़े हुए भींच रहा था और अपने मोटे लंड को उसकी चूत में धकापेल अन्दर बाहर कर रहा था.
पांच मिनट बाद मैंने समीक्षा को फिर से उसी पोजीशन में बने रहते हुए खड़ा किया और स्टेंडिंग डॉगी स्टाइल में चोदना शुरू कर दिया.
मैंने उसके हाथ पीछे करके पकड़ रखे थे और तेज तेज चोद रहा था.
मेरी रफ्तार इतनी तेज थी कि उसके चूतड़ मेरी जांघों में टकरा कर पच पच कर रहे थे.
समीक्षा- अअअह उईईई बस करो जीजू.
वो यही सब आवाजें निकाले जा रही थी.
दवा के असर के कारण करीब एक घंटे तक चुदाई चलती रही. मैं मदहोशी में उसकी चुदाई करता रहा. वो तीन चार बार झड़ चुकी थी और एकदम से निढाल हो चुकी थी.
मुझ पर दवा का इतना ज्यादा असर था कि मैं झड़ने का नाम ही नहीं ले रहा था. मेरी ताकत अभी भी बनी हुई थी.
फिर मैंने उसको सीधा लिटाया और उसकी टांगों को अपने कंधों पर रखकर उसे चोदना शुरू किया. इस वक्त मेरे होंठ उसके होंठों पर थे और मेरे हाथ उसको मम्मों को मसल रहे थे. साथ ही मेरा मस्त लंड उसकी प्यारी सी चूत में लगातार आक्रमण किये जा रहा था.
वो रोने लगी थी- अअअह ऊऊउ मम्मीईई रे … जीजू तुम तो हैवान हो गए हो अअअअ … दीदी कैसे सहती हैं. ऊऊउ आप तो मुझे अह आज माररर ही डालोगे उईईई … बस करो अब. मुझमें हिम्मत ही नहीं बची है.
मैंने उसके गालों पर थपथपाया और कहा- तू ही तो कह रही थी साली रंडी कि चोद लो. अब शांत रह कुतिया और चुद.
उसका मुँह ओर चूत दोनों लाल हो रहे थे. मैंने उसे काफी देर तक चोदा.
काफी देर बाद मेरे ऊपर से दवाइयों का असर खत्म हो चुका था और मैं झड़ने वाला हो गया था.
मैंने अपनी रफ्तार और बढ़ा दी और उससे कहा- बोल साली, पानी कहां निकाल दूँ.
उसने कहा- उसमें नहीं, आप मुँह में या मेरे ऊपर डाल दो.
मैंने कहा- साली लावा है, जल जाएगी.
वो कुछ नहीं बोली.
समीक्षा को चोदते चोदते मैंने लंड बाहर निकाला और एक पिचकारी उसके मुँह में मार दी. बाकी का माल मैंने उसके पेट पर डाल दिया.
वो मेरे माल को पी गई और उसका पेट मेरे वीर्य से बिल्कुल चिकना हो गया था.
झड़ कर मैं वहीं लेट गया और फिर थोड़ी देर बाद मैंने उसको तौलिया दी. उसने अपना पेट और चेहरा साफ किया.
फिर हम दोनों वैसे ही नंगे सो गए.
सुबह करीब 10 बजे हम दोनों उठे, तो दीक्षा हम दोनों के लिए चाय लेकर आई. वो समीक्षा को थैंक्स कहके चली गई.
No comments:
Post a Comment